क्या केजरीवाल जेल से सरकार चला पायेंगे?राजनीति गलियारों में चर्चा जोरों पे। LG के टिप्पणी हुआ बवाल!

Delhi: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या जेल से सरकार चला सकते हैं? इन दिनों इसे लेकर बहस जारी है. इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के दिए गए बयान से नई बहस शुरू हो गई है.

 

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने बुधवार को स्पष्ट किया कि जेल से सरकार नहीं चल सकती. एक न्यूज चैनल के माध्यम से सक्सेना ने कहा, ‘मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जेल से सरकार नहीं चलेगी.’

LG सक्सेना की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है  जब दिल्ली के मुख्यमंत्री ईडी की हिरासत में है और जब सीएम केजरीवाल ने जेल से  दो सरकारी आदेश जारी किए हैं.

केजरीवाल, जो 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर हैं, ने 24 मार्च को जेल से अपना पहला सरकारी आदेश जारी किया था। यह आदेश दिल्ली सरकार के जल विभाग को लेकर था, जिसकी प्रभारी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी हैंl

उन्होंने जल मंत्री को दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी और सीवर की समस्याओं के संबंध में आदेश जारी किया तथा दूसरा दिल्ली के स्वास्थ मंत्री सौरभ भारद्वाज को जारी किया जिसमें सरकारी अस्पताल और मुहल्ला क्लिनिक में दवाईयों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने को कहा गया है।

 

इन आदेशों के आने के बाद LG सक्सेना के टिप्पणी आया जिससे राजनीति गलियारों में चर्चा जोरों पे होने लगी है की क्या केजरीवाल जेल से सरकार चला पायेंगे?

अभी तक यहीं होते आया है की जब किसी मुख्यमंत्री को जेल हुआ है तो उन्हें अपनी कुर्सी किसी और को देनी पड़ी है चाहें वो घर का कोई हो या पार्टी का। कोई पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया गया है केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्हे ED ने 21 मार्च रात को आपने कस्टडी में लिया था और फिर अगले दिन कोर्ट ने उन्हें 10 दिनों के लिए ED के रिमांड पे भेज दिया।

आपको बता दें कि इसी वर्ष 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोरेन जेल में हैं। सोरेन की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने मुख्यमंत्री पद की कमान दिग्गज नेता चंपई सोरेन को सौंप दी थी।

जयललिता ने  दिया था इस्तीफा 

इनके अलावा, तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को भी सीएम का पद छोड़ना पड़ा था। साल 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता दोषी पाई गईं थीं। अदालत के निर्णय के तुरंत बाद जयललिता ने अपना उत्तराधिकारी ओ पन्नीरसेल्वम को नियुक्त कर दिया था। 20 दिन तक जेल में रहने के बाद जयललिता बाहर आ गईं, हालांकि मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें 237 दिन मिली थी।

 

चारा घोटाले में लालू ने छोड़ी थी कुर्सी

साल 1997 को बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर सीबीआई ने चारा घोटाले में शिकंजा कसा। लालू की गिरफ्तारी वारंट जारी होते ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दिल्ली के एक बड़े नेता की सलाह पर लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। राबड़ी को सीएम बनाने पर जनता दल में फूट पड़ गई। इस पर लालू यादव ने अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बनाई थी।

येदियुरप्पा को भी सीएम पद छोड़ना पड़ा था

वर्ष 2011 में लोकायुक्त की एक रिपोर्ट के बाद कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। कर्नाटक के लोकायुक्त ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि सूबे का सीएम ऑफिस अवैध उत्खनन कार्य में सक्रिय है। इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई तो भाजपा बैकफुट पर आ गई। भाजपा आलाकमान ने येदियुरप्पा को हटाने का फैसला किया। इस फैसले से येदियुरप्पा पार्टी से नाराज हो गए। उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद डीवी सदानंद गौड़ा को कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री बनाया गया था।

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